। दूरियां बढ़ाये जा रहे है।।

क्यों हम चाह कर भी पास नही आ पा रहे।।
और दूर होते जा रहे है,कभी तुम तो कभी हम।।
दूरियां और फासले क्यों बढ़ाये जा रहे है,
जब हम होना एक चाहते है।।
कुछ तुम्हे डर है तो कुछ हमें डर है
खो न दे एक दूसरे को,एक दूसरे से छुपाये जा रहे है
और न चाहते हुए भी दूरियां बढ़ाये जा रहे है।
अब तो बस कभी यादो में तो कभी ख्वाबो में
मुलाकातें कर लेते है, न जाने क्यू जानबूझकर
दूरियां बढ़ाये जा रहे है, और फिर भी एक दूसरे से प्यार किये जा रहे है।

वो यादें

वो तेरा मासूमियत से हँसते हुए देखना।
जाते हुए बार बार पीछे मुड़-मुड़ के देखना।।
अपने चेहरे पर पड़ने वाली लटो को बार-बार संभालना।।
आज भी याद है मुझे,
वो कदम से कदम साथ मिलकर चलना।
और अब अचानक यूं तुम्हारा बदलना
हमारे दिल को मंजूर नही।
चाहकर भी नही भुला पाता तुम्हे,
बार बार मिलने की तमन्ना कर बैठता है।
अज़ीब सा नशा है तुममे ,
तुम्हारे आगे शराब का नशा भी कुछ नही।।
बार बार यूँ अचानक यादो में आके
मिलने की तड़पा जगा जाना।।
आज भी याद है।।
😢😢😢MISS U ☺☺☺
तुम्हारे लिए तो हम अपने आप को भुला बैठे।।

बेकसूर

ज़ालिम तो वो है जो निगाहों से क़त्ल कर जाते है,
और गुनहगार हमें करार दे जाते है।।
हमने तो केवल उन्हें देखने की खता की थीं,
क़त्ल तो उनकी निगाहों ने किया था।।
हमारी तो निगाह भी बेकसूर होकर भी सजा की हकदार हो गई।।

तुम्हे भुलाऊँ तो कैसे?

तुम्हे भुलाऊँ तो कैसे,यादों में तुम हो।
तुम्हे भुलाऊँ तो कैसे,सपनो में तुम हो।।
तुम्हे भुलाऊँ तो कैसे,ख्वाबो में तुम हो।
तुम्हे भुलाऊँ तो कैसे,हर उम्मीद में तुम हो।।
तुम्हे भुलाऊँ तो कैसे,हर धड़कन में तुम हो।
तुम्हे भुलाऊँ तो कैसे,हर पल साथ तुम हो।।
तुम्हे भुलाऊँ तो कैसे,जीने की तमन्ना तुम हो।।

शुक्रिया

मै शुक्रिया अदा करता हूं तुम्हारा ऐ दोस्त
बहुत अच्छे थे ये दो साल,
हमने जो साथ बिताये,हमेसा ज़िन्दगी भर याद रहेंगे
उनमे सबसे ज्यादा तुम।
बाकि तो सब आये और गये रुकी तो केवल तुम
साथ निभाया तो केवल तुमने,एक अजीब से अटूट रिश्ते के साथ।।
मै एक बार फिर से तुम्हारा शुक्रिया अदा करना चाहता हूं ऐ दोस्त।
जब कोई नही होता लेकिन तुम हमेसा मेरे साथ होती हो।
मेरी मदद के लिए हमेशा तैयार रहती हो।
लडकर भी हमेसा मान जाती हो।
सब भुलाकर फिर से एक नई शूरुआत कर देती हो।
हर बार गलती सुधारने का मौका दे देती हो,
हमेशा विचारो की गहराइयों में
खोई – खोई सी छिपी सी रहती हो।
कुछ बाते तो तुम सब से छुपाती हो,न जाने बताने से इतना क्यों डरती हो
और सब कुछ जानकर भी हम अनजान बने रहते है। और तुम्हारी इन नादानियों पर मुस्कुराते रहते है।
सजा दे भी तो किसे, अपने आप को, या उस नादन लड़की को जो हमें अपना सबसे अच्छा दोस्त मानती है।।
दोस्त तो हम हमेसा से ही है पागल ,
लेकिन तुम उस से भी कही ज्यादा ख़ास और पास हो।
तुम्हारा प्यारा दोस्त
।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
स्क्रेच करो पता चल जायेगा ☺☺

आदत

हमें तो यूँ आदत है,
तुम्हे रुठाने और मनाने की,
वक्त बेवक्त तुम्हे सताने की।।
अपनी ख्वाईश बनाने की,
पर थोड़ा वक्त का तकाजा है।।
महफ़िल ज़माने में थोड़ा वक्त लगेगा ,
लेकिन जमाएंगे जरूर,तुम्हे अपना बनाएंगे जरूर।।

जानबूझकर

लोग कितने प्यार से धोखा दे जाते है,
और हमें फिर भी उनकी धोखेबाज़ी पर विश्वास नही होता।।
न जाने क्यों दिल,
उनसे जानबूझकर हारने को करता है।
सब कुछ भुलाकर फिर से ,
मोहब्बत करने को करता है।।
उनकी बाहों में सुबह शाम गुजारने को करता है।
उनकी यादों में तड़पने को करता है।।
उनके ख्वाबो में खोने को करता है।
एक बार फिर से वही खता करने को करता है।।